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Covishield Vaccine : लोगों में फैल रहा भ्रम कि जिन्होंने टीके लिए उन्हें टीटीएस सिंड्रोम के कारण हार्ट अटैक-ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, जाने सच्चाई


एक्सपर्ट बोलें- हर वैक्सीन की होती है रेयर साइड इफैक्ट, पर असर वैक्सीन लेने के अगले दिन से 6 माह के भीतर ही पड़ती है दिखाई
  • डरने की जरूरत नहीं... क्योंकि वैक्सीन का प्रभाव अधिकतम छह माह में हो जाता है कम, खून का थक्का जमने के मामले वैक्सीन के कारण नहीं, बल्कि कोविड के दौरान हमारे शरीर में पड़ने वाले प्रभाव के कारण आ रहे सामने
  • रिम्स के न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने कहा- कोविड के दौरान शरीर के कई हिस्से प्रभावित हुए थें, वैक्सीन ने वायरस के प्रभाव को कम किया, लेकिन जो अंग डैमेज हो चुके थे उसके कारण हो रही परेशानी
Samachar Post, रांची : कोविशिल्ड वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर तेजी से वायरल हो रही है, कि जिन्होंने कोविड से बचने के लिए यह टीका लिया है उनमें हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। खून पतला होने की समस्या और खून का थक्का जमने की समस्या या प्लेटलेट कम होने की समस्या हो सकती है। दरअसल कोरोना से बचाने के लिए देश में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से लगाया गया था। अब जब ब्रिटेन के हाई कोर्ट में एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट की बात कबूल की है तो उन देशों में भी दहशत होने लगी है जहां पर इन वैक्सीन का इस्तेमाल हुआ था। लोगों में डर की स्थिति उत्पन्न हो गई है। डॉक्टरों के पास लोग कॉल-मैसेज कर पूछ रहे हैं कि मैंने भी कोविशिल्ड वैक्सीन ली है क्या मुझे भी खतरा है? मैं कैसे पता लगा सकता हूं मेरे शरीर में क्या-क्या साइड इफेक्ट हुआ है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब देकर डॉक्टर्स भी परेशान हाे रहे हैं। इसपर रिम्स के न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने ट्वीट कर लोगों के भ्रम को दूर करने की कोशिश की है। अमेरिकन सोसायटी ऑफ हेमेटोलॉजी का हवाला देकर बताया कि वैक्सीन से साइड इफेक्ट का खतरा 10 लाख में सिर्फ 3 से 15 लोगों को ही है। जबकि इससे मौत की आशंका सिर्फ 0.00013% ही है। यानी 10 लाख में साइड इफेक्ट के कारण सिर्फ एक की ही मौत होगी।

वैक्सीन लगने से पहले भी कोविड पॉजिटिव में थ्रोम्बोसिसि के मामले आ रहे थे
डॉ. विकास ने बताया कि ऐसा नही है कि सिर्फ कोविशिल्ड में साइड इफेक्ट की बात कही जा रही है, हर वैक्सीन की साइड इफेक्ट होती है। कंपनी भी रेयर साइड इफेक्ट की बात स्वीकार करती है। कोविड के दौरान भी लगातार थ्रोम्बोसिस के मामले आ रहे थें, लेकिन तब जो आंकड़ें हमारे पास आएं थे, उसके अनुसार यह रेयरेस्ट साइड इफेक्ट से एक लाख में 1 से भी कम व्यक्ति में होने का खतरा है। इसलिए कोविशिल्ड लेने वालों को डरने की जरूरत नही है। हालांकि, डॉ. विकास ने कहा कि कंपनी को पहले ही इसे लेकर एडवाजरी जारी करनी चाहिए थी, ताकि लोग पहले से ही सतर्क रहते।


अब डरने की जरूरत नहीं, क्याेंकि वैक्सीन लिए 2 साल से ज्यादा हो चुके
डॉ. विकास ने कहा कि कोविशिल्ड लेने वालों को अब डरने की जरूरत नही है। क्योंकि वैक्सीन कंपनी ही दावा करती है कि जिन्हें रेयरेस्ट तौर पर भी साइड इफेक्ट होना होता है उन्हें इसका असर वैक्सीन लेने के 24 घंटे बाद से 7 से 10 दिन तक दिखाई देने लगता है। वहीं अधिकतम 6 माह तक साइड इफेक्ट का खतरा रहता है। इसके बाद किसी भी वैक्सीन का प्रभाव शरीर से कम होने लगता है। ऐसे में कोविशिल्ड वैक्सीन लेकर 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं, उन्हें वैक्सीन के कारण किसी तरह की साइड इफेक्ट होने का खतरा नही है। हां, इसके बाद भी अगर खून का पतला होना, या थक्का जमने की समस्या आ रही है तो यह पोस्ट कोविड इफेक्ट हो सकता है न कि पोस्ट वैक्सीनेशन इफेक्ट। क्योंकि कोविड के दौरान शरीर के कई हिस्से प्रभावित हुए थे, वैक्सीन ने सिर्फ संक्रमण के प्रभाव को कम किया था। लेकिन जो अंग डैमेज हो चुके थे, वो तो वैसा ही है।

रिम्स के न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. विकास कुमार।

जानिए रिम्स के न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. विकास ने क्या कहा-
1. थ्रोम्बोसिसि के मामले तेजी से बढ़ें हैं इसे झूठलाया नही जा सकता, अगर यह कोविशिल्ड के कारण नहीं है तो क्या है?
-थ्रोम्बोसिस के मामले कोविड के बाद से ही बढ़ने लगे थे। तब जब वैक्सीनेशन शुरू भी नही हुई थी। काेविड पॉजिटिव होने के बाद अस्पताल पहुंचने के बाद जांच में देखा जा रहा था कि ब्लड थीन हो रहा है या ब्लड का क्लॉट बन रहा है। हमने जिस पैनिक सेचुएशन में वैक्सीन लेनी शुरू की इसे भी झूठलाया नही जा सकता कि इससे करोड़ों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। मेरी समझ से यह पोस्ट वैक्सीनेशन नहीं, बल्कि पोस्ट कोविड इफेक्ट ही है। जो संक्रमण के दौरान ही शरीर में कई बीमारी उत्पन्न कर चुकी है।

2. खबर तेजी से फैल रही है कि वैक्सीन के कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है, इसे कैसे देखते हैं?
-चूंकि वैक्सीन कंपनी ने कुछ सप्ताह या महीने पहले कोर्ट में स्वीकार किया है कि वैक्सीन के रेयर साइड इफैक्ट हैं और इससे थ्रोम्बोसिस का खतरा रहता है। लेकिन लोगों को यह भी जानने की उतनी ही जरूरत है कि रेयर साइड इफैक्ट यानी लाखों में 1 से भी कम लोग में इसका असर दिख सकता है। सिर्फ कोविशिल्ड बनाने वाली कंपनी ने नहीं, बल्कि सभी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी वैक्सीन के कारण रेयर साइड इफैक्ट की बात स्वीकार करती है। इसलिए अफवाहों पर ध्यान देने से बचने की जरूरत है।

3. जिन्हें डर लगा रहा है कहीं मैं भी हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो जाऊंगा, उनके लिए क्या सलाह देंगे?
-देखिए इसमें कोई संदेह नही है कि कोविड के बाद लोगों के हेल्थ में गहर असर पड़ा है। पहले की तुलने में बीमार पड़ने वालों की संख्या भी बढ़ी है। हार्ट-ब्रेन और पल्मोनरी की समस्या सबसे ज्यादा बढ़ी है। ऐसे में यह जरूरी नही है कि हम बीमार पड़ेंगे तब ही जांच या इलाज कराएंगे। कम से कम रूटीन तौर पर भी सभी हर तीन-छह माह के अंतराल में अपनी हार्ट संबंधित जांच, बीपी-शुगर, कोलेस्ट्रोल आदि की जांच कराते रहें। फिजिकल एक्टिविटी के साथ-साथ इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान दें। ताकि स्थिति बिगड़ने से पहले ही हम उसे नियंत्रित कर सकें।
 
फिर भी अपने हार्ट का ख्याल रखें, ये गोल्डन टिप्स को ध्यान में रखें...
  • संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट्स हो। (प्रोसेस्ड और ट्रांस फैट्स से दूरी बनाना ही फायदेमंद है।)
  • नमक का प्रयोग कम करें।
  • जरूरत से ज्यादा वजन या मोटापा दिल के दौरे का जोखिम बढ़ाता है। हेल्दी वजन बनाएं।
  • रोजाना एक्सरसाइज करें (30-40 मिनट प्रति दिन)।
  • स्मोकिंग से बचें।
  • तनाव को मैनेज करें।
  • नियमित चेक-अप कराएं (हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल आदि)।


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